अपना घर और अपने लोग ढूंढने में तुम्हें साथ देना होगा। अपना घर और अपने लोग ढूंढने में तुम्हें साथ देना होगा।
तब, मैं और तुम नहीं, अब से हम प्रारंम्भ हुआ। तब, मैं और तुम नहीं, अब से हम प्रारंम्भ हुआ।
कितना सच्चा, रंग प्रीत का होता। जिसको कोई तोड़ नहीं है पाता। कितना सच्चा, रंग प्रीत का होता। जिसको कोई तोड़ नहीं है पाता।
बधाई भरा ये पर्व हमारा सबको मिलता सम्मान। बधाई भरा ये पर्व हमारा सबको मिलता सम्मान।
आठवाँ कागज़ की कश्ती का है बारिश में भीगी मासूम हँसी का है। आठवाँ कागज़ की कश्ती का है बारिश में भीगी मासूम हँसी का है।
नशा नाश करता है, इसमें कोई नफा नहीं। नशा नाश करता है, इसमें कोई नफा नहीं।